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Sunday, October 14, 2007

हिन्दी संस्करण: "पर्यावरण लोकगीत"

पर्यावरण की ठानी,
सुनो मैया वसुन्धरा भवानी ।
पर्यावरण कि ठानी.........

अब ना कबहुँ पेड़ कटेंहें,
एक के बदले दस लगवेंहें ।
संरक्षण की ठानी,
सुनो मैया वसुन्धरा भवानी ।

वायु प्रदुषण ना फेलेंहें,
उद्योगों को दूर लगेंहें ।
शुद्धिकरण की ठानी,
सुनो मैया वसुन्धरा भवानी ।

पर्यावरण की ठानी,
सुनो मैया वसुन्धरा भवानी ।

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